– परिवार पूरा कर चुकीं 62 महिलाओं ने चुना परिवार नियोजन का स्थाई साधन
– 432 महिलाओं ने आईयूसीडी, 272 ने गर्भ निरोधक इंजेक्शन “अंतरा” अपनाया
हापुड़, । शासन के निर्देश पर जनपद में 21 नवंबर को शुरू हुआ पुरुष नसबंदी पखवाड़ा 4 दिसंबर को संपन्न हो गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया – पखवाड़े के दौरान जनपद में पांच पुरुषों और 62 महिलाओं ने स्वेच्छा से परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाते हुए नसबंदी कराई। सीएमओ ने कहा – परिवार नियोजन के मामले में पुरुषों को आगे आने की जरूरत है। प्रजनन स्वास्थ्य के लिए पुरुष नसबंदी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी के मुकाबले सरल और अधिक कारगर छोटी सी शल्य क्रिया है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया – पुरुष नसबंदी के बाद लाभार्थी को किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती। उन्होंने बताया – यह मामूली सी शल्य क्रिया है और लाभार्थी को उसी दिन घर भेज दिया जाता है। जो लोग किसी कारणवश पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान नसबंदी की सेवाएं नहीं ले सके, वह नियत सेवा दिवस (एफडीएस) पर यह सेवा प्राप्त कर जिम्मेदारी पति की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बताया – पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- धौलाना पर तीन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – हापुड़ पर एक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – गढ़मुक्तेश्वर पर एक पुरुष ने नसबंदी सेवा प्राप्त की।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार ने बताया – परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने के साथ ही महिलाओं ने अस्थाई साधनों में बढ़ चढ़कर रुचि दिखाई है। पखवाड़े के दौरान जनपद में 432 महिलाओं ने इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) अपनाई और 272 महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन “अंतरा” पर भरोसा जताया है। आईयूसीडी और अंतरा, दो बच्चों के बीच तीन वर्ष का सुरक्षित अंतर रखने के लिए दीर्घकालिक और कारगर उपाय हैं। कॉपर आईयूसीडी-380ए 10 वर्षों तक प्रभावी रहती और कॉपर आईयूसीडी- 375 पांच वर्षों तक प्रभावी रहती है, लेकिन आईयूसीडी और अंतरा का इच्छानुसार उपयोग रोककर कभी भी गर्भ धारण किया जा सकता है।