Ghaziabad : टीबी मुक्त भारत के लिए जन सहयोग जरूरी : सीएमओ
- – क्षय रोगियों को दवा की कमी नहीं होने दी जाएगी
- – विशेष वाहन भेजकर आगरा से मंगवाई गईं दवाएं
गाजियाबाद, । वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा करना है। टीबी मुक्त भारत के लिए हमें अपने जनपद को टीबी मुक्त करना है। इसके लिए जन सहयोग की भी जरूरत है। जनपद वासी टीबी रोगियों की पहचान में मदद करें, लक्षण नजर आने पर तत्काल जांच कराएं। क्षय रोगी नियमित रूप से दवाएं खाते रहें और अपने परिजनों की भी समय-समय पर जांच कराते रहें। क्षय रोगियों को दवा की कमी नहीं होने दी जाएगी। यह बातें शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं। उन्होंने बताया – शुक्रवार को विशेष वाहन भेजकर आगरा से दवाएं मंगाई गई हैं, देर शाम दवाएं गाजियाबाद पहुंच गई हैं, शनिवार से सभी टीबी इकाइयों और डॉट केंद्रों पर क्षय रोगियों को सभी दवाएं मिलेंगी।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया – क्षय रोग विभाग को शासन से दवाएं प्राप्त हो गई हैं। शनिवार से जिला क्षय रोग केंद्र समेत सभी टीबी इकाइयों और डॉट केंद्रों पर क्षय रोगियों को दवाओं का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। दवाएं नहीं होने के चलते जिले में टीबी के गंभीर (एमडीआर) रोगियों का उपचार रुकने की आशंका बनी हुई थी। सोमवार से मरीजों को देने के लिए विभाग के पास दवाएं नहीं थीं। दवाएं खत्म होने के संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर से बात की गई थी। एसटीओ का कहना था कि कॉरपोरेशन के पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं हैं और सूबे के किसी भी जिले में दवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी है। जिसके बाद सीएमओ ने क्षय रोग विभाग की ओर से विशेष वाहन लेकर वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय यादव को आगरा रवाना किया। शुक्रवार देर शाम विशेष वाहन टीबी रोगियों के लिए दवाएं लेकर लौट आया।
जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. अमित विक्रम का कहना है कि दवाएं प्राप्त हो गई हैं और शनिवार से जिले के सभी टीबी केंद्रों पर रोगियों को दवाओं का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगरा से टीबी के गंभीर मरीजों के साथ ही टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के अंतर्गत बच्चों को दी जाने वाली दवाएं भी मंगवाई गई हैं।