अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी कार्यवाही की मांग
- सरकार अवैध बसों के संचालन को कराये बन्द
- उजागर फाउंडेशन ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के नाम संबोधित पत्र की प्रति केंद्रीय मंत्री व सांसद जरनल वी.के सिंह को सौपी
- उन जिम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी कार्यवाही की मांग की गयी जिनके रहमोकर्मो से फ़लीभूत रहा है धंधा
- मनस्वी वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। उजागर फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवानी जैन व राष्ट्रीय महासचिव सचिन सोनी ने केंद्रीय मंत्री जरनल वी.के सिंह से मुलाकात कर उन्हें बताया कि गाजीपुर एमसीडी पार्किंग (दिल्ली)ग्राम भोवापुर,कौशाम्बी जनपद गाजियाबाद (दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर) से असामाजिक तत्वों द्वारा विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकार के सामांतर अवैध परिवहन व्यवस्था चला कर करोड़ो रूपये प्रतिदिन के हिसाब से सरकार को राजस्व की क्षति की जा रही है।उजागर फाउंडेशन ने न केवल अवैध रूप से संचालित बसों की लिखित शिकायत संभागीय परिवहन अधिकारी को की बल्कि उपरोक्त शिकायती पत्र की स्थिति जानने के उद्देश्य से फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जन सूचना अधिकारी सम्भगीय परिवहन अधिकारी से कुल सात बिंदुओ पर सूचना माँगी गयी जिसमें सूचना का रिकार्ड का भी खुलासा किया। दावा किया गया कि फाउंडेशन की टीम ने पाया कि जो बसे दिन में दिल्ली क्षेत्र में खड़ी होती है।वो देर शाम-रात को उत्तरप्रदेश सीमा में अवैध रूप से प्रवेश कर सवारी भरती है सवारियां कम होने पर उत्तरप्रदेश गौतमबुद्धनगर ने ग्रेटरनोयडा के परी चौक से उन्हें पूरा किया जाता है। अनेकों ही बसों पर हाई सिक्योरटी नम्बर प्लेट नही थी।जिससे उनकी पहचान होना मुश्किल है। इतनी खामियां होने के बाद भी बसे हजारों किलोमीटर का सफर बिना किसी बाधा के तय कर रही है।ये हैरान करने साथ-साथ अत्यंत चिंतनीय बात है। आरोप लगाया कि जिन जिम्मेदार अधिकारियों को ऐसे वाहनों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करनी होती है वो निजी कारणों तथा लालच के वशीभूत के चलते कार्यवाही नही करते जिसका हर्जाना सरकारों को भरना पड़ता है चूँकि कोई भी दुर्घटना होने पर यात्रियों के जानमाल की हानि होती ही है। जानमाल गवाने वालों को सरकारी स्तर से आर्थिक मदद करने में राजस्व की हानि तो होती ही है इसमें जवाबदेही भी सरकारों की होती है न कि उन संदर्भित अधिकारियों/कर्मचारियों की जिनके वजह से अवैध वाहनों का संचालन होता है।