- *भगवान राम के प्रतिष्ठित होते ही भारत बनेगा हिंदू राष्ट्र*
- *शीघ्र ही भारत आ जाएगा विकसित देश की श्रेणी में*
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों की महत्वाकांक्षी योजना भारत को परम वैभव तक पहुंचाने की परिकल्पना के साथ 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य महल में पदार्पण करेंगे। ज्योतिषियों और विद्वानों ने जो मुहूर्त निकाला है ।संपूर्ण मुहूर्त मध्याह्न 12:00 बजे से और लगभग 1:0 5 मिनट तक रहेगा।
इसमें भी विशिष्ट लग्न मेष और वृश्चिक के नवमांश में केवल 12:29 से और 12:30 बजे तक के सूक्ष्म अवधि के काशी के विद्वानों के द्वारा वेद मंत्रों के उच्चारण से भगवान की वैदिक परंपरा के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
यह लग्न अब तक के सभी मुहूर्तों से सर्वोत्तम है इसके क्योंकि इस दिन पौष मास की शुक्ल पक्ष में द्वादशी, सोमवार और मृगशिरा नक्षत्र के पावन योग से इस समय अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग,आनंद योग, अभिजित मुहूर्त उसके साथ-साथ मेष लग्न और वृश्चिक लग्न के नवमांश में भगवान श्री राम अपने वैभव के साथ मंदिर में स्थापित होंगे। मेष व वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल होते हैं और इन राशियों के अधिदेव भगवान हनुमान जी हैं। मंगल अर्थात हनुमान जी मंदिर निर्माण की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहे हैं।
*जिस प्रकार का लग्न व मुहूर्त योग 22 जनवरी को बना रहे हैं। ज्योतिष गणना के अनुसार यह योग राज्याभिषेक योग होता है। इस राज्याभिषेक योग में कोई भी राजा अथवा ईश्वर की प्रतिष्ठा होती है ,वह दीर्घकाल तक विश्व में याद किया जाता है और उसकी अवधि सहस्रों वर्ष की होती है*।
इस योग में भगवान राम के प्रतिष्ठित होने से भारत विश्व में फिर से सोने की चिड़िया, विश्व गुरु और विकसित देश बनेगा। भारत हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर होगा ।भारत के प्राचीन संस्कृति और नैतिक मूल्यों की स्थापना होगी ।नकारात्मक शक्तियों का दमन होगा तथा जितने भी क्षुद्र प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं उन सब को परास्त होना पड़ेगा या उनको शांत होना पड़ेगा ।क्योंकि त्रेता युग में भगवान राम जी ने जब रावण का वध किया था रावण को भी अंहकार था कि मैं ही बलवान हूं ।मेरे अजेय महावीर योद्धा हैं राम क्या चीज है ।लेकिन राम के आगे वह, उसकी सेना , शक्ति कहां टिक पाई।
जब भारत में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो सारा तमोगुणी प्रवृत्तियों का अंधकार दूर होगा। राष्ट्र विरोधी और राम विरोधी परास्त होंगे। भारत संसार में विकसित देशों की श्रेणी में शीघ्र आ जाएगा।
भगवान राम मंदिर की प्रतिष्ठा का मुहूर्त इतना शुभ है कि भारत की आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक ,सामरिक शैक्षिक आदि सारी व्यवस्थाओं को संबल प्रदान करेगा। 500 वर्षों की कठोर तपस्या व संघर्ष के बाद जो अवसर मिला है । सभी सभी जनमानस इस अवसर पर अपने घरों में भगवान राम के महोत्सव की खुशी दीपमालिका जलाएं। घर की सज्जा करें। मंदिरों में अन्य धार्मिक स्थानों में सामूहिक रूप से भगवान राम का अभिषेक, राम की पूजा , कीर्तन, भजन आदि का आयोजन करें। यह पर्व केवल एक किसी विशेष धर्म ,संप्रदाय का नहीं है ।यह पूर्व राष्ट्र का पर्व है ।राष्ट्रीय पर्व को सभी धर्म, जाति ,मतभेदों के संकीर्ण विचारधाराओं से हटकर मनाएं। क्योंकि भारत की आत्मा राममय है और राम भारत के जनजन बसे हुए हैं। उन्हीं का आदर्श मानते हुए हम सभी उनकी मर्यादाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लें। आज भारत में हिंदुत्व, हिंदू व धार्मिक और नैतिक शक्तियों का जो जागरण हो रहा है उसी का परिणाम है कि भगवान राम भी अपने वैभव के साथ प्रतिष्ठित हो रहे हैं। भगवान राम सबको सद्बुद्धि प्रदान करें और विश्व में भारत का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित हो ।ऐसी कामना है।
आचार्य शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट ,गाजियाबाद