नई दिल्ली,:24 साल पहले कोतवाली इलाके में एक कारोबारी का अपहरण करके फिरौती मांगने वाले भगौड़ा घोषित भाईयों को अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान पुनीत अग्रवाल और विनीत अग्रवाल के रूप में हुई है। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वे नियमित रूप से अपने ठिकाने बदल रहे थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 29 जनवरी 2000 को किनारी बाजार,चांदनी चौक से श्रीनाथ नामक व्यक्ति का अपहरण हुआ था। अगले ही दिन श्रीनाथ कोतवाली थाना पहुंचे। आरोप लगाया कि सुनीत अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल और विनीत अग्रवाल नाम के व्यक्तियों ने उनकी दुकान से उनका अपहरण कर लिया था और उन्हें रिहा करने के लिए फिरौती मांगी थी। बाद में आरोपी उसे दिल्ली के तुगलक रोड के पास छोडक़र भाग गए। पुलिस ने आईपीसी की धारा 364ए/365/341/342/323/506/34 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने सुनीत अग्रवाल को गिरफ्तार किया। आरोपी पुनीत अग्रवाल जांच में शामिल नहीं हुआ, इसलिए उसे 22 मई 2000 को भगौड़ा घोषित कर दिया गया। विनीत अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया। जांच में शामिल नहीं होने पर उसे भी कोर्ट ने भगौड़ा घोषित कर दिया। हेड कांस्टेबल इंद्रजीत को पता चला कि दोनों गुरुग्राम, हरियाणा और पीतमपुरा इलाके में रह रहे हैं। डीसीपी अमित गोयल द्वारा एसीपी अरविंद कुमार की निगरानी में इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी और रॉबिन त्यागी के नेतृत्व में एसआई नितिन, एएसआई नीरज, हेड कांस्टेबल अनुज,अभिनव,नवीन, इंद्रजीत, मिंटू और कांस्टेबल रिंकू सिंह को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस टीम ने उनके ठिकानों पर छापेमारी करके गिरफ्तार कर लिया। वारदात के बाद वे 10 साल के लिए मुंबई चले गए और किसी से संपर्क नहीं किया, यहां तक कि वे अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के भी संपर्क में नहीं थे। एक बार जब वे अपनी सुरक्षा के बारे में आश्वस्त हो गए और उन्हें एहसास हुआ कि, वे कानून के शिकंजे से बहुत दूर हैं, तो वे दिल्ली/एनसीआर के क्षेत्र में लौट आए। वे अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना पता बदल रहे थे।