- क्षय रोगियों को भावनात्मक सहयोग से रिकवरी में मदद मिलती है : डा. नरेंद्र मोहन
- दवा के साथ नियमित रूप से प्रोटीन युक्त पोषण लेना जरूरी : जिला पीपीएम समन्वयक
हापुड़, । प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हापुड़ ने 120 क्षय रोगियों को गोद लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल निर्देशन में बृहस्पतिवार को जिला क्षय रोग केंद्र (डीटीसी) पर गोद लिए गए क्षय रोगियों को पुष्टाहार प्रदान किया गया। आईएमए-हापुड़ के अध्यक्ष डा. नरेंद्र मोहन ने कहा- क्षय रोगियों को गोद लेने से उन्हें भावनात्मक और सामाजिक सहयोग मिलता है, भावनात्मक सहयोग से रोगी को किसी भी रोग रिकवरी में मदद मिलती है। दरअसल इससे रोगी की इच्छा शक्ति मजबूत होती है और वह पूरे मनोयोग से नियमित उपचार लेने को प्रेरित होता है।
आईएमए-हापुड़ सचिव डा. विमलेश शर्मा ने कहा – क्षय रोगियों को गोद लेने से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में मदद मिलेगी, समाज के सक्षम लोगों को पुष्य के इस कार्य के लिए आगे आना चाहिए। आईएमए की ओर से उपलब्ध कराए गए पुष्टाहार का वितरण जिला क्षय रोग केंद्र पर जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी, जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक दीपक कुमार, वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक बृजेश कुमार, टीबीएचवी हरिश्चंद्र और साइंटिस्ट कुमारी सृष्टि ने किया।
इस मौके पर जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने कहा – क्षय रोगियों को नियमित रूप से दवाएं लेने के साथ उच्च प्रोटीन युक्त पोषण लेना भी जरूरी है। क्षय रोग के कारण नष्ट हुई कोशिकाओं के पुनर्निर्माण के लिए क्षय रोगी को अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है। इसीलिए सरकार की ओर से हर क्षय रोगी को निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपए की राशि प्रति माह उसके बैंक खाते में भेजी जाती है। उन्होंने क्षय रोगियों से कहा – दवा बीच में न छोड़ें, यदि दवा खाने से किसी तरह की परेशानी होती तो चिकित्सक को बताएं।