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दिल्ली हाई कोर्ट ने हनीप्रीत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हनीप्रीत इंसा की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। उच्च न्यायालय ने इस आधार पर आदेश जारी किया कि हनीप्रीत गिरफ्तारी से बचती रही और इसलिए किसी विशेष राहत की हकदार नहीं है। हनीप्रीत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की दत्तक पुत्री है। ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाए जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव के लिए होती हैं।

हनीप्रीत राजद्रोह के मामले में जांच में शामिल होने के लिये दिल्ली से हरियाणा ले जाए जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव की मांग कर रही है। बता दें प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत उन 43 लोगों की सूची में शीर्ष पर है जिनकी हरियाणा पुलिस को राम रहीम को बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराने जाने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के संबंध में तलाश है। इससे पहले कोर्ट ने कहा, ‘‘आपके लिये सबसे आसान तरीका आत्मसमर्पण करना होगा।’’ हनीप्रीत बलात्कार के दो मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराये जाने के बाद से फरार है। वह डेरा प्रमुख की दोषसिद्धि के बाद हरियाणा में कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिये राजद्रोह के आरोप का सामना कर रही है। सुनवाई के दौरान हरियाणा पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में हनीप्रीत के याचिका दायर करने का विरोध किया। उसने कहा कि यह अपनी पसंद से मंच चुनने की युक्ति है।
दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि हनीप्रीत को यहां उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बजाये पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिये। दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस ने तीन सप्ताह के लिये अग्रिम जमानत के लिये हनीप्रीत की याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि इसके लिये हरियाणा में सक्षम अदालत होगी। हनीप्रीत के वकील ने दावा किया कि हरियाणा में उनके जीवन को खतरा है और इसलिये उसने गिरफ्तारी से तब तक बचाने के लिये उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है जब तक कि वह पड़ोसी राज्य नहीं चली जाती। वकील ने कहा कि अगर उसे संरक्षण प्रदान किया जाता है तो वह जांच में शामिल होगी। इससे पहले पुलिस ने हनीप्रीत के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया था। हनीप्रीत के वकील प्रदीप कुमार आर्य ने बताया कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। आर्य ने बताया कि मामले को जल्दी सुनवायी के लिए मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष उल्लेखित किया जाएगा।
राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 25 अगस्त को दोषी ठहराया था। उसके बाद हरियाणा के पंचकूला और सिरसा जिलों में हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें 41 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। सीबीआई अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 2002 में साध्वियों से बलात्कार करने के लिए 20 वर्ष की सजा सुनायी थी। हनीप्रीत 25 अगस्त को राम रहीम के साथ विशेष सीबीआई अदालत गई थी।

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