आर्थिक तंगी दूर हो तो मिले मेट्रो विस्तार का लाभ
मनस्वी वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। साहिबाबाद स्थित रेपिड रेल स्टेशन से नोएडा सेक्टर 62 के बीच मेट्रो का विस्तार हाल फिलहाल आरंभ हो पाएग,ऐसा दूर तक भी दिखाई नहीं दे रहा है। वजह मेट्रो विस्तार में सबसे बडी अडचन आर्थिक तंगी की आडे आ रही है। जीडीए के आला अधिकारी इस पक्ष में नहीं है कि मेट्रो विस्तार का खर्च का भार प्राधिकरण पर पडे। जीडीए का प्रयास ये है कि मेट्रो विस्तार में 50 फीसदी हिस्से दारी प्रदेश सरकार वहन करें,लेकिन इस दिशा में दूर तक भी सहमति बनते हुए नहीं दिख रही है। देखा जाए तो जीडीए के द्वारा वैशाली से नोएडा सेक्टर 62 तथा मोहन नगर से वैशाली के बीच मेट्रो विस्तार के कडी में बाकायदा डीपीआर भी तैयार करायी गई। अब साहिबाबाद में रेपिड रेल स्टेशन के निर्माण के बाद नए सिरे से साहिबाबाद से नोएडा सेक्टर 62 तक मेट्रो विस्तार की कबायद की जा रही है।देखा जाये तो वर्ष-2020 में वैशाली और नोएडा के सेक्टर-62 से मोहन नगर तक मेट्रो ट्रेन फेज तीन के दो प्रोजेक्ट की योजना बनाई गई थी। इसकी कुल लागत 3325.22 करोड़ रुपए आ रही थी। इसके बाद जीडीए ने दो रूट की जगह एक रूट पर ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया। नोएडा के सेक्टर-62 से साहिबाबाद तक मेट्रो ट्रेन रूट को प्राथमिकता दी गई। इस रूट की तैयार डीपीआर में लागत 1517 करोड़ रुपए थी। तीन साल बाद लागत बढ़ने की संभावना है। जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि नोएडा के सेक्टर-62 से साहिबाबाद तक मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की संशोधित डीपीआर तैयार कराने के लिए डीएमआरसी को 5.50 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ ही इस संबंध में सहमति पत्र भी भेजा गया है।