जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर हुआ एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन
- जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर हुआ एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन
- – प्रेमचंद लोहिया ट्रस्ट के सहयोग से जोगीपुरा गांव में आयोजित हुआ निक्षय शिविर
- – दो मेडिकल कॉलेज और संयुक्त जिला चिकित्सालय की ओपीडी में भी हुई टीबी स्क्रीनिंग
हापुड़ । जनपद में बृहस्पतिवार को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल निर्देशन में जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी में पहुंचे रोगियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई और लक्षण युक्त रोगियों का स्पुटम (बलगम का नमूना) लिया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंहने बताया – दस्तोई रोड स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय, सरस्वती मेडिकल और जीएस मेडिकल कॉलेज,सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की ओपीडी में एकीकृत निक्षय दिवस के मौके पर ओपीडी के 10 फीसदी रोगियों को टीबी जांच के लिए रेफर करने के निर्देश दिए गए। डीटीओ डा. राजेश सिंह और जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी जोगीपुरा गांव में मेरिनो इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा पोषित श्री प्रेमचंद लोहिया मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित निक्षय शिविर में पहुंचे और ग्रामीणों का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया।
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने निक्षय शिविर में पहुंचे ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा – दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार आना, खांसते समय बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना, वजन कम होना, भूख कम लगना और थकान महसूस होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच कराना जरूरी होता है। टीबी की जांच बहुत आसान है और यह सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। जांच के लिए रोगी को बलगम का नमूना देना होता है। जांच में यदि टीबी की पुष्टि होती है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है, सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी का अच्छा उपचार उपलब्ध है। नियमित रूप में छह माह तक दवा खाने से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। लेकिन जांच कराने में लापरवाही से यह रोग गंभीर रूप धारण कर लेता है और साथ ही टीबी का संक्रमण परिवार के अन्य सदस्यों को भी हो सकता है।
पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया – फेफड़ों की टीबी सांस के जरिए फैलती है, इसलिए जल्दी जांच और उपचार जरूरी है। उपचार शुरू होने के दो माह बाद रोगी के संपर्क में आने वालों को संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता। कुल 242 ग्रामीणों ने शिविर का लाभ उठाया। ट्रस्ट की ओर से डा. पीएस अग्रवाल और डा. दिनेश अग्रवाल ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। टीबी से मिलते-जुलते लक्षण नजर आने पर 15 ग्रामीणों का स्पुटम लिया गया और 10 को एक्स-रे के लिए रेफर किया गया। 35 ग्रामीणों की शुगर की जांच भी की गई। शिविर में लैब टेक्नीशियन यासीन अली, फार्मासिस्ट अनिल कुमार, विनोद कुमार, सुहेल खान और ईश्वर चंद शर्मा का सहयोग रहा।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर, असौड़ा का निरीक्षण किया
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने एकीकृत निक्षय दिवस के मौके पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर, असौड़ा का भी निरीक्षण किया। उनके साथ जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) रश्मि ने बताया – एकीकृत निक्षय दिवस पर कुल 12 रोगी ओपीडी में पहुंचे। इनमें से एक रोगी में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण पाए गए। सीएचओ ने रोगी को स्पुटम कंटेनर देने के साथ ही बताया गया कि सुबह उठने के बाद सबसे पहले अच्छे से खांसकर बलगम कंटेनर में लें और आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर पहुंचा दें। बेहतर हो कि परिवार के किसी सदस्य से स्पुटम लेते समय कमर थपथपाने के लिए कहें, ऐसा करने से नमूना अच्छा आता है।