संपत्तिकर निर्धारण के खुद के नियम जनता पर थौंप रहे है निगम अधिकारीःमित्तल
-प्रधानमंत्री के सामने उठाया मामला
मनस्वी वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। बीजेपी के निवर्तमान पार्षद हिमांशु मित्तल ने एक लेटर के माध्यम से नगर निगम के अधिकारियों पर कर निर्धारण प्रणाली में मनमाने ढंग से नियम बनाते हुए लोगों पर थौंपने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
श्री मित्तल ने लेटर की प्रति मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजी है। लेटर के माध्यम से कहा गया कि साल 2000 में शासन के द्वारा स्वतःकर निर्धारण प्रणाली जारी की थीं तथा नए नियम बनाए गए थे,निगम के द्वारा शासन के द्वारा जारी नियमों के अंतर्गत व्यवस्था का पालन भी किया जा रहा था,लेकिन निगम के अधिकारियों के द्वारा खुद के लाभ के लिए स्वतःकर निर्धारण प्रणाली के नए नियम बनाए जा रहे है। स्वतःकर निर्धारण प्रणाली में साफ प्राविधान है कि संपत्ति कर की गणना करते वक्त भवन स्वामी के पास ये प्राविधान होगा कि वह खुद कवर्ड एरिया या कारपेट एरियाके आधार पर गणना करते हुए प्रपत्र प्रस्तुत करेगा। निगम के अधिकारियों के द्वरा निगम सदन से अनुमति प्राप्त किए बगैर ही कवर्ड एरिया के स्थन पर आवासीय कारपेट एरिया के स्थान पर अनावसीय दरों पर अंकित कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये खुद का लाभ प्राप्त करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि स्वतःकर निर्धारण प्रणाली में ये व्यवस्था की गई कि भवन स्वामी अपने भवन की गणना करते वक्त या तो कवर्ड एरिया की दरों पर करेगा या कारपेट एरिया दरों पर स्वयं के विवेक से चयन करते हुए प्रपत्र दाखिल करेगा,लेकिन दरे कारपेट एरिया की निर्धारित की जाती है,जबकि कारपेट एरिया का निर्धारण करते वक्त एरिया के क्षेत्र फल में से 20 फीसदी घाटक कारपेट एरिया की दरों की संपत्ति कर निर्धारण किया जाएगा। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह किया गया।