गाज़ियाबादस्वास्थ्य

सराहनीय :  वरिष्ठ अधिवक्ता रो. प्रशांत राज शर्मा ने क्षय रोगियों के साथ मनाई शादी की 25वीं सालगिरह

– 50 क्षय रोगियों को गोद लेकर उपलब्ध कराया पुष्टाहार

– अपनों से प्यार करते हैं तो उनकी टीबी की जांच कराएं : डीटीओ

गाजियाबाद, आप लोग यदि अपनों से प्यार करते हैं तो उनकी टीबी की जांच अवश्य कराएं और नियमित रूप से दवाएं खाते रहें। ऐसा करने से आप खुद भी स्वस्थ हो सकेंगे और अपने परिजनों का भी बचाव कर सकेंगे। फेफड़ों की टीबी संक्रामक रोग है, यह खांसने-छींकने के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से सांस के जरिए फैलती है। संभव है कि टीबी का संक्रमण आपके किसी परिजन को भी लग गया हो, बेशक अभी कोई लक्षण न आ रहे हों।  समय रहते जांच और उपचार शुरू कर संक्रमण को रोका जा सकता है। रोगी का उपचार शुरू होने के दो माह बाद वह अपने संपर्क में आने वालों को संक्रमण देने की स्थिति में नहीं रहता।  

यह बातें शनिवार को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. अमित विक्रम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बम्हेटा पर आयोजित क्षय रोगी एडॉप्शन कार्यक्रम के दौरान ‌कहीं। दरअसल सीएचसी बम्हेटा पर बड़े ही खुशनुमा माहौल में सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता रोटेरियन प्रशांत राज शर्मा और रोटेरियन मुक्ता शर्मा ने क्षय रोगियों के साथ अपनी शादी की 25वीं सालगिरह मनाई। इस मौके पर उन्होंने 50 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार भी उपलब्ध कराया। दंपत्ति ने गोद लिए गए सभी क्षय रोगियों को उपचार जारी रहने तक हर माह पोषण पोटली प्रदान करने का फैसला लिया है। 

एडवोकेट प्रशांत राज शर्मा कहते हैं कि अपनी खुशी दूसरों के साथ बांटने से कई गुना बढ़ जाती है, हम लोग ऐसे खास मौकों पर खुद तो पार्टी कर लेते हैं लेकिन खुशी के यह पल जरूरतमंदों के साथ बांटे जाएं तो और बेहतर लगता है। प्रशांत राज शर्मा रोटरी क्लब -गाजियाबाद ग्रेटर के भावी गवर्नर भी हैं और क्लब के साथ इस तरह के सामाजिक कार्यों में खुद को व्यस्त रखकर गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा – टीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा करने के लिए समाज के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का अहसास करना होगा, तभी यह संकल्प पूरा हो सकेगा।

कार्यक्रम के दौरान रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से क्षय रोगियों को कंबल और महिला क्षय रोगियों के अलावा ओपीडी में आईं महिलाओं को भी सेनेटरी नैपकिन प्रदान किए गए। इस मौके पर रेडक्रॉस सोसायटी गाजियाबाद की सचिव डा. किरण गर्ग, सीएचसी प्रभारी डा. अनुराग, एसटीएस रविंद्र एवं पवन, एसटीएलएस गौतम सिंह और टीबीएचवी निशांत मौजूद रहे।

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टीबी रोगी को उच्च प्रोटीन युक्त भोजन की जरूरत होती है : सीएमओ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने शर्मा दंपत्ति के सालगिरह मनाने के इस अंदाज की खुले मन से सराहना की। उन्होंने समाज के संभ्रांत लोगों से अपील की है कि वह भी क्षय रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान दें। सीएमओ ने कहा – टीबी की दवाओं के साथ नियमित रूप से उच्च प्रोटीन युक्त भोजन लेने से रोगी के जल्दी टीबी मुक्त होने में मदद मिलती है। दरअसल टीबी संक्रमण से कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, कोशिकाओं के पुनर्निर्माण के लिए शरीर को अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है। इसके अलावा गोद लिए जाने से रोगी को भावनात्मक और सामाजिक सहयोग भी मिलता है, और रोगी की इच्छा शक्ति मजबूत होती है, जो किसी भी रोग से ठीक होने के लिए जरूरी है।

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