ग़ाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के साथ साधु संतों ने भी लगाई आरटीई के दाखिलों की गुहार
गाजियाबाद । जीपीए की टीम द्वारा लगातार आरटीई के दाखिलों को लेकर जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से गुहार लगाती हुई नजर आ रही है। मगर धाक के तीन पात की तरह सभी विभाग आंखें मूंद कर बैठे हैं। इसी कड़ी में जीपीए की टीम द्वारा शिक्षा विभाग के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर उन्हें नींद से जगाने का कार्य किया गया है । जानकारी के अनुसार बता दें कि जीपीए द्वारा आरटीई के बच्चों के दाखिलों के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यलय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया गया । इस प्रदर्शन का कारण था चार चरणों की लॉटरी के माध्य्म से चयनित हुये 5842 बच्चों में से 9 महीने बीत जाने के बाद भी बाकी बचे 2500 से ज्यादा बच्चों का निजी स्कूलों द्वारा दाखिला नही लिये जाने पर शिक्षा अधिकारियों और जिला प्रशासन द्वारा ढुल मूल रवैया अख्तियार करना । जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी और सचिव अनिल सिंह ने बताया कि हम पिछले 9 महीने से आरटीई के अंर्तगत चयनित गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है । जिसके परिणाम स्वरूप हम उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3310 बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में करा प्रथम स्थान पर है। लेकिन हम चाहते है कि जिले में आरटीई के शत प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित कराये जा सके। जिससे कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे। जिसके लिये शासन , प्रशासन और शिक्षाधिकारियों का रुख सकारात्मक होना बहुत महत्त्वपूर्ण है। अगर जिले के अधिकारी ये सोच रहे है कि दाखिला नही लेने वाले स्कूलो पर कार्यवाई के लिए नोटिस और चेतावनी देने से काम चल जायेगा तो ये केवल कार्यवाई के नाम पर औपचारिकता नजर आती है। अब समय आ गया है कि सही तथ्यों के साथ दाखिला नही लेने वाले स्कूलो की मान्यता रद्द कर पूरे प्रदेश में सन्देश दिया जाये कि आरटीई के दाखिले नही लेने वाले स्कूलो को किसी भी दशा में बख्शा नही जायेगा । जिससे कि कोई भी निजी स्कूल आने वाले समय मे किसी भी आरटीई के बच्चे की शिक्षा के अधिकार के साथ खिलवाड़ करने की हिमाकत नही कर पाएं । इस मौके पर अनिल सिंह , धर्मेंद्र यादव , नरेश कुमार , कौशल ठाकुर , राजू सैफी , पवन शर्मा , कौशलेंद्र सिंह , राहुल कुमार , ओमपाल सिंह , पवन पाल , आरती कुमारी , नवीन राठौर , विवेक आदि मौजूद रहे