गाज़ियाबाद

Ghazizbad : ज्यादा गरम पानी से नहाना कर रहा इम्युनिटी कमजोर

सर्दी से राहत पाने के प्रयास दे रहे परेशानी
ब्लोअर के कारण बढ़ी ड्राई आई की समस्या

मनस्वी वाणी, संवाददाता

गाजियाबाद। सर्दी से राहत पाने के लिए यदि आप ब्लोअर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि ब्लोअर सर्दी से तो कुछ देर के लिए आपको राहत दे देगा, लेकिन उसके होने वाले नुकसान के कारण आपको लंबे समय तक परेशान रहना पड़ सकता है। इसके आलावा जो लोग ज्यादा गरम पानी से नहाते हैं उनके लिए भी डॉक्टर खतरे की घंटी बजा रहे हैं। ज्यादा गरम पानी न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म करता है बल्कि शरीर के तापमान को दुरुस्त रखने में भी गंभीर बाधा बनता है। इतना ही नहीं डॉक्टर बताते हैं कि ज्यादा गरम पानी से नहाने से शरीर की रक्त वाहिकाएं भी कमजोर होती हैं, जिससे उनमें ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। इन परेशानियों को लेकर लोग डॉक्टरों के पास भी पहुंच रहे हैं।

जिला एमएमजी अस्पताल के सीनियर आई सर्जन डॉ. नरेंद्र कुमार बताते हैं कि सर्दियों में भी लोग उनके पास ड्राई आई की परेशानी लेकर आ रहे हैं। आमतौर पर यह परेशानी लोगों को गर्मियों में होती है, जब हवा में नमी नहीं होती और लू चलती है। लेकिन,सर्दियों में यह समस्या ब्लोअर को कारण हो रही है। ब्लोअर गरम हवा फेंकता है जो आपके आसपास हवा में मौोजूद नमी को पूरी तरह से खत्म कर देती है और आसपास के क्षेत्र के गरम हवा से भर देती है। ज्यादा देर तक ब्लोअर चलाने से इसका पहला प्रभाव आंखों पर पड़ता है। जिससे आंखों की नमी खत्म होने लगती है और लोगों को आंखों में जलन या चुभन महसूस होने लगती है। ऐसा होने पर लोग आंखों को मलने लगते हैं। ऐसा करने से कई बार सूखी आंखों में स्क्रेच या घाव हो जाते हैं। इसके अलावा काफी देर तक ब्लोअर की हवा में बैठने से सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है। क्योंकि ब्लोअर से निकलने वाली गरम हवा ऑक्सीजन को भी खत्म करती है। जिससे फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसके कारण कई बार लोगों को चक्कर आने की भी शिकायत होती है। डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी ओपीडी में ड्राई आई के परेशानी वाले मरीजों की संख्या 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
–ज्यादा गरम पानी भी घातक
जिला एमएमजी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह बताते हैं कि सर्दियों में लोग नहाने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल करते हैं। कई बार लोग ज्यादा गरम पानी का इस्तेमाल करने लगते हैं। इससे कुछ देर या ऐसा कहें कि नहाने के दौरान सर्दी नहीं लगती, लेकिन नहाने के कुछ देर बाद पहले से कहीं ज्यादा सर्दी लगने लगती है और हाइपोथर्मिया का खतरा हो जाता है। इसके अलावा ज्यादा गरम पानी से नहाने से त्वचा ज्यादा संवेदनशील और ड्राई हो जाती है। ज्यादा गरम पानी से नहाने से न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है बल्कि इससे शरीर की नसें भी कमजोर होती हैं। ज्यादा गरम पानी से नहाने से शरीर के उपरी भाग की नसें गरम होकर शिथिल हो जाती हैं, लेकिन अंदर की नसों पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। जिससे नसों का आपसी तालमेल भी बिगड़ने का खतरा बना रहता है। ऐसे में कई बार नहाने के बाद लोगों को सांस लेने में परेशानी, हाई बीपी और कमजोरी महसूस होने लगती है। नहाने के दौरान शरीर का तापमान ज्यादा होता है और बाथरूम से बाहर तापमान काफी कम होता है। लंबे समय तक तेज गरम पानी से नहाने के कारण शरीर दोनों तापमान में तालमेल बैठाने में परेशानी महसूस करता है। डॉ. आरपी सिंह कहते हैं कि सर्दियों में नहाने के लिए पानी केवल उतना ही गरम करना चाहिए जितने में वह ठंडा महसूस न हो। ज्यादा गरम पानी त्वचा, फेफड़ों, नसों और दिल की बीमारी का कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि ज्यादा गरम पानी से नहाने के दुष्प्रभावों को लेकर मरीज उनके पास आ रहे हैं, लेकिन फिलहाल उनकी संख्या 5 से 7 ही है।
–यह बरतें सावधानी
ब्लोअर को ज्यादा देर तक न चलाएं
चलते ब्लोअर के ठीक सामने बैठने से बचें
संभव हो तो ऑयल वाले हीटर का प्रयोग करें
आंखों में जलन या चुभन को हो तो मसले नहीं
प्रयास करें कि सामान्य गरम पानी से नहाएं
गरम पानी से नहाते समय बाथरूम को पूरी तरह बंद न करें
नहाने के बाद तौलिये से शरीर को पूरी तरह पोंछकर और कुछ कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें

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