स्वास्थ्य

hapur : आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने 12 क्षय रोगी गोद लिए

  • – यशोदा नर्सिंग होम में कार्यक्रम आयोजित कर पुष्टाहार प्रदान किया
  • – नियमित रूप से प्रोटीन युक्त आहार और दवा खाने के लिए प्रेरित किया

हापुड़, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए-हापुड़) से जुड़े चिकित्सकों ने 12 क्षय रोगियों को गोद लिया है। बुधवार को मेरठ रोड स्थित यशोदा नर्सिंग होम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान चिकित्सकों ने क्षय रोगियों को पुष्टाहार प्रदान किया साथ ही उन्हें नियमित रूप से पौष्टिक भोजन और दवा खाने के लिए भी प्रेरित किया। क्षय रोगियों को बताया गया कि दवा खाने में कोई परेशानी होने पर चिकित्सक से परामर्श लें, लेकिन दवा बीच में न छोड़ें। दवा बीच में छोड़ने पर टीबी बिगड़ जाती है और उपचार मुश्किल व लंबा हो जाता है। टीबी की दवा के साथ उच्च प्रोटीन और विटामिन युक्त भोजन की आवश्यकता होती है। ऐसा करने से टीबी संक्रमण से नष्ट हुई कोशिकाओं के पुनर्निर्माण का कार्य तेज हो जाता है और रोगी जल्दी ठीक होने लगता है।

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने इस पुनीत कार्य के लिए आईएमए और यशोदा नर्सिंग होम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा – प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। आईएमए और यशोदा नर्सिंग होम की ओर से डा. एमसी सिंघल और डा. मिली सिंघल ने जिला क्षय रोग अधिकारी को भरोसा दिलाया कि क्षय रोगियों को गोद लेकर न्यूट्रीशियन सपोर्ट का कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में हर संभव सहयोग किया जाएगा। कार्यक्रम में डा. संजय जैन, डा. विपिन गौड़, डा. दुष्यंत बंसल, डा. अनुराग सिंघल और डा. यूनुस अहमद का सहयोग रहा।

जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया – गोद लिए गए क्षय रोगियों को उपचार जारी रहने तक हर माह पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत भी क्षय रोगियों को पांच सौ रुपए प्रतिमाह पोषण राशि प्रदान की जाती है।

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