पाइप लाइन रोड पर कूडा डंप करने से बडी मुश्किलें
-रोड से आवागमन करते भी कतराने लगे है लोग
-ग्रामीणों के विरोध से निगम अधिकारी चिंतित
मनस्वी वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। जहां कभी पाइप लाइन रोड के निर्माण के वक्त दावा किया गया था कि इस रोड के बनने के बाद मेरठ रोड पर न केवल वाहनों का दबाव कम होगा,बल्कि दिल्ली एवं आस-पास के लोग मोदी नगर एवं हरिद्वार तक पाइप लाइन रोड से आवागमन किया जा सकेगा। पाइप लाइन रोड के एक बडे हिस्से को नगर निगम के द्वारा डंपिंग ग्राउंड में तब्दील किए जाने के परिणाम स्वरूप लोग इस रोड से आवागमन करते हुए भी कतराने लगे है। वहीं ग्रामीणों के विरोध के परिणाम स्वरूप निगम अधिकारियों की चिंता बढ रही है। ग्रामीणों के द्वारा बाकायदा तंबू लगाते हुए यज्ञ आरंभ किया गया है। ऐसे में निगम अधिकारियों को ये नहीं सूझ रहा है कि शहर के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाले कूडे को कहां पर डंप किया जाए।
देखा जाए तो नगर निगम के द्वारा पाइप लाइन रोड से लगे ग्रामीण अंचल के एरिया में शहर के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाले कूडे को डंप किया जा रहा है। बताते है कि पाइप लाइन रोड पर कूडे का पहाड खडा हो गया है। डंप किए जा रहे कूडे का परिणाम ये है कि अब बडी संख्या में लोग पाइप लाइन रोड से आवागमन करते हुए कतरा रहे है। निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो हर रोड करीब 1400 मेट्रिक टन कूडा निगम सीमा के विभिन्न एरिया से निकलता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा मिथलेश कुमार की मानें तो नगर आयुक्त के द्वारा कूडा डंप करने के लिए लेटर के माध्यम से जिलाधिकारी से जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। जमीन उपलब्ध होने की स्थिति में ही दूसरे स्थान पर कूडा डंप किया जाना संभव है। हैरत का पहलू ये है कि जिस स्थान पर कूडा डंप किया जा रहा है,रोड की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। बरसात के दौरान सडकों पर पानी भर जाता है।