भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था गलत दिशा में जा रही है और ‘छापे’ रोजाना का काम बन गया है। उन्होंने जीडीपी के आंकड़ों की गणना की मौजूदा पद्धति पर भी सवाल उठाया है।
समाचारपत्र इंडियन एक्सप्रेस में लिखे गये लेख में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा है कि अर्थव्यवस्था संकट में है और दावा किया है कि “गणना की पुरानी विधि के अनुसार, 5.7 प्रतिशत की विकास दर वास्तव में 3.7 प्रतिशत या उससे कम है।” उन्होंने नोटबंदी को भी घातक बताया है।
उन्होंने कहा कि “छापे” रोजाना का आदेश बन गया है और आयकर विभाग लाखों लोगों से जुड़े मामलों की जांच कर रहा है। लोगों के दिमाग में भय पैदा करना नया खेल है।” उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री होने के नाते यह मेरा कर्तव्य था कि मैं अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी के बारे में बताऊं। अनुभवी नेता ने कहा कि उनकी टिप्पणियां भाजपा और अन्य जगहों में बड़ी संख्या में लोगों की भावनाओं को दर्शाती हैं जो डर से बाहर नहीं बोल रहे हैं।
सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके हैं। वह नरेंद्र मोदी शासन के मुखर आलोचक रहे हैं। उनके बेटे जयंत सिन्हा पहले वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री थे और बाद में उन्हें विमानन मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह माना जाता है पिता यशवंत सिन्हा की ओर से सरकार की आलोचना के चलते ही जयंत का मंत्रालय बदला गया।
सिन्हा ने कटाक्ष करते हुए लिखा, ”प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने करीब से गरीबी देखी है। उनका वित्त मंत्री इस बात के लिए ओवरटाइम कर रहा है कि सभी भारतीय भी गरीबी को करीब से देख सकें।”