आध्यात्मगाज़ियाबाद

श्री राम विवाह उत्सव में राम भक्तों सें भरा पूरा पंडाल झूम -झूम कर नाचा

कथा के पांचवे दिन मानव हंस श्रद्धेय श्री श्रीकांत पाण्डेय जी महाराज ने प्रभु राम एवं माता सीता के विवाह का वर्णन कर श्रद्धालुओं को निहाल किया। राम-सीता विवाह की कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। सुंदर-सुंदर भजन पर नाच झूम श्रद्धालुओं ने आनंद लिया व राम विवाह प्रसंग का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हो गए।

कथावाचक ने राम विवाह के दृश्य का रसपान कराते हुए श्रोताओं को बताया कि राजा जनक गुरु विश्वामित्र के साथ राम व लक्ष्मण को धनुष यज्ञशाला ले गए। यहां देश-विदेश के राजा सुंदर सिंहासनों पर विराजमान थे। राजा जनक ने अपनी प्रतिज्ञा के बारे में सभी को अवगत कराया कि जो इस धनुष को तोड़ेगा उसके साथ सीताजी का विवाह होगा। सभी राजाओं ने बारी-बारी से धनुष तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे।निराश राजा जनक को देखकर विश्वामित्र का इशारा पाकर भगवना श्रीराम धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते हैं और धनुष टूट जाता है। इसके बाद श्रीराम व सीताजी एक-दूसरे के गले में वरमाला डाल देते हैं।

आज के यजमान श्री प्रदीप मित्तल एवं मुख्य अतिथि विनय चौधरी (पार्षद ब्रिज विहार) जी ने इस अवसर पर कथा का श्रवण किया। उपस्थित रहे विभिन्न समाजसेवीयों में श्री एस बी सिंह, सुनीता चौधरी, लल्लन सिंह, नितिन भरद्वाज, वीरेन्द्र यादव, रण विजय सिंह, वाई एन सिंह, सूमा सिंह, ध्रुव कुमार, इंद्रपाल भदौरिया, विभूति यादव, दीप तोमर, आदि शामिल थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button