इंटीग्रेटिड टाउनशिप की संशोधित डीपीआर को लेकर शासन ने मंथन किया तेज
-तमाम प्राधिकरणों से मांगा विवरण
मनस्वी वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। निजी बिल्डरों के द्वारा विकसित की जा रही इंटीग्रेटिड टाउनशिप की संशोधित डीपीआर को हरी झंडी दिए जाने में आडे आ रही अडचन दूर करने की दिशा में शासन स्तर मंथन तेज हो गया है। शासन के द्वारा 44 पहलुओं को लेकर प्राधिकरणों से रिपोर्ट तलब की है। शासन के अनुसचिव अरूण कुमार के द्वारा इस कडी में लेटर जारी किया गया है। शासन के द्वारा परियोजना का नाम,लोकेशन,लाइसेंस के लिए अनुमोदित क्षेत्रफल,क्रय हेतु अवषेश जमीन का क्षेत्रफल,यूपी जेड ए एलआर एक्ट के अधीन छूट की स्थिति,धारा 4 के अधीन अधिसूचित भूमि का क्षेत्रफल,पुनग्र्रहण हेतु चिन्हित ग्राम समाज की जमीन की स्थिति समेत कई पहलुओं को लेकर शासन के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। यहां बता दे कि देखा जाए तो निजी बिल्डरों के द्वारा विकसित की जा रही इंटीग्रेटिड टाउनशिप को लेकर समय समय पर सवाल उठ रहे है। ये भी सवाल हाल में शासन के सामने उठा कि बिल्डरों के द्वारा जो उनके कब्जे में जमीन थीं,वह तो बेच दी गई,लेकिन नागरिक सुविधा विकसित करने की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। हाल में मेरठ मंडल के अपर आयुक्त के द्वारा भी इंटीग्रेटिड टाउनशिप का निरीक्षण किया था। वहीं हाईटेक सिटी के मुददे को लेकर शासन की उच्च स्तरीय कमेटी की प्रस्तावित बैठक फिर टल गई। शासन के द्वारा इस कडी में बैठक प्रस्तावित की गई थीं।