उत्तर प्रदेशउत्तराखंडगाज़ियाबादराष्ट्रीयस्वास्थ्य

टनल में फंसे श्रमिकों को एंटी डिप्रेशन मेडिसन दिए जाने का मुददा आया विवादों में


-स्थानीय  डाक्टर के बयान के बाद उठ रहे है सवाल
मनस्वी वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तरकांशी के टनल में फंसे श्रमिकों को एंटी डिप्रेशन की मेडिसन दिए जाने के एक डाक्टर  के सोशल मीडिया पर चल रहा बयान विवादों में घिरता जा रहा है। इस बयान के बाद तरह तरह के सवाल उठ रहे है। हालांकि सोशल मीडिया पर बयान को लेकर खासी किरकिरी होने के बाद उसे हटा दिया गया। जानकारों का तर्क है कि सोशल मीडिया पर इस तरह का बयान जारी करने से पहले इस बात का अध्ययन आवश्यक है कि श्रमिकों को बचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा विशेषज्ञों की मदद से किस तरह के कदम उठाए जा रहे है। सोशल मीडिया पर स्थानीय विशेषज्ञ के द्वारा दिए गए बयान की कडी में जब स्थानीय सांसद एवं केंद्र सरकार में मंत्री जनरल वीके सिंह से बात की तो उनका तर्क था कि प्रधानमंत्री खुद न केवल पल पल की स्थिति पर निगाह रखे हुए है,बल्कि विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। प्रधानमंत्री के दिशा निर्देशन में ही उन्हें श्रमिकों को टनल से सुरक्षित  निकालने के चल रहे काम की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। श्रमिकों को टनल से बाहर निकालने के लिए ही विदेशों से भी मशीेनें मंगाई गई है। इसी कडी में वह उत्तरकांशी में है। केंद्र सरकार का सबसे बडा उददेश्य श्रमिकों को सुरक्षित बाहर  निकालना है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button