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पुलिस को पूछताछ में गुमराह कर रही है हनीप्रीत

चंडीगढ़। पंचकूला के पुलिस आयुक्त एएस चावला ने दावा किया है कि 25 अगस्त को बलात्कार के मामले में अदालत में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के दोषी पाये जाने के बाद जो हिंसा फैली थी, उसमें हनीप्रीत इंसां का हाथ होने के सबूत हरियाणा पुलिस को मिले हैं। चावला ने कहा कि हनीप्रीत गुमराह कर रही है और पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है। हरियाणा में 25 अगस्त को हिंसा में 35 लोग मारे गये थे।

हनीप्रीत के नाम से चर्चित प्रियंका तनेजा को तीन अक्तूबर को हरियाणा पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। हनीप्रीत खुद को जेल में बंद राम रहीम की दत्तक पुत्री बताती है। जब चावला से पत्रकारों ने पूछा किया कि क्या हिंसक घटनाओं में हनीप्रीत का हाथ होने का बात सामने आयी है तो उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमने जो सबूत इकट्ठा किये हैं, उनके हिसाब से निश्चित ही उसका हाथ था।’’ उन्होंने सबूतों का ब्योरा तो नहीं दिया, बस इतना कहा कि पुलिस उसे अदालत के सामने रखेगी।
पहले हनीप्रीत के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। पुलिस के अनुसार वह राजस्थान, पंजाब, दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में वह पुलिस से बचती फिर रही थी। चावला ने कहा, ‘‘जांच के प्रति उसका रवैया ठीक नहीं है। शुरू में उसने अनजान बनने का बहाना किया। लेकिन, जो कुछ पंचकूला में हुआ, उसके तथ्यों एवं सबूतों से जब उसका सामना कराया गया तो उसने गुमराह करना शुरू कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस उससे जांच में सहयोग का उम्मीद कर रही है। उसने पुलिस को जो सूचना दी थी, उसकी पुष्टि के लिए उसे बठिंडा ले जाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि उसने जो कुछ बताया, वह झूठ निकला। उसके बाद हमने वहां से आने का फैसला किया।’’
चावला ने कहा, ‘‘हम आशान्वित हैं कि हम सच्चाई को सामने ला पायेंगे।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जिस किसी व्यक्ति की भूमिका सामने आएगी, उससे जांच में जुड़ने को कहा जाएगा, चाहे उसका दर्जा कितना भी बड़ा क्यों न हो। जरूरत पड़ने पर उसे गिरफ्तार भी किया जाएगा। जब पुलिस अधिकारी से पूछा गया कि क्या किसी नेता ने हनीप्रीत को शरण दी थी तो उन्होंने कहा, ‘‘इस चरण में मैं नहीं समझता कि इस पर कुछ कहना ठीक होगा।’’ उन्होंने कहा कि कुछ अन्य गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह आरोप लगाया गया कि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख को बलात्कार मामले में अदालत से दोषी पाये जाने की स्थिति में पंचकूला में हिंसा फैलाने के लिए जरूरी प्रबंध करने के लिए डेरा सदस्यों को सवा करोड़ रुपये दिये गये थे।

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