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रेप के 15 साल पुराने मामले में राम रहीम दोषी, हो सकती है 7 साल की जेल

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी से यौन शोषण का दोषी करार दिया गया है. कोर्ट अब 28 अगस्त को उनकी सजा पर सुनवाई करेगा. फैसला सुनते ही राम रहीम कोर्ट में अपने होश खो बैठे. राम रहीम कोर्ट से सीधा जेल जा रहे हैं, उन्हें कस्टडी में लिया गया है. हरियाणा के कई शहरों की बिजली काट दी गई है. हालात को देखते हुए पंचकूला में सेना फ्लैग मार्च कर रही है. अभी राम रहीम की मेडिकल जांच हो रही है. राम रहीम को रोहतक जेल लाया गया है. डेरा समर्थकों द्वारा लगातार हिंसा की जा रही है.

राम रहीम को दोषी करार दिए जाने की खबर से देशभर में फैले राम रहीम के लाखों समर्थकों में दुख की लहर फैल गई है. खासकर हरियाणा और पंजाब में तो समर्थकों की भीड़ ने सरकार के हाथ-पैर फुला दिए हैं.

जमानत मिलने तक जेल मे रहेंगे राम रहीम

कोर्ट इस मामले में राम रहीम को 7 साल की सजा सुना सकती है. नियमों के मुताबिक अगर किसी अभियुक्त को पांच साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे ऊपरी कोर्ट से जमानत लेनी होती है. यानी बाबा राम रहीम को अब हाईकोर्ट से जमानत लेनी होगी. जब तक जमानत नहीं मिलती तब तक उन्हें जेल में ही रहना होगा.

15 साल पहले दर्ज हुई थी शिकायत

सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ ये मामला तब चर्चा में आया था जब अप्रैल 2002 में एक साध्वी ने चिट्ठी लिखकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यौन शौषण की शिकायतभेजी. हाईकोर्ट ने इस चिट्ठी के तथ्यों की जांच के लिए सिरसा के सेशन जज को भेजा और इसके बाज इसी साल दिसंबर में सीबीआई ने राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत मामला दर्ज कर लिया.

शिकायतकर्ता साध्वी को तलाशने में ही जांच एजेंसियों को चार साल लग गए. साध्वी के बयान लेने के बाद बाबा राम रहीम के खिलाफ जुलाई 2007 में सीबीआई ने अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल की जहां से ये केस बाद में पंचकूला शिफ्ट हो गया. केस की सुनवाई के दौरान 52 गवाह पेश किए गए, इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे. जून में डेरा प्रमुख के विदेश जाने पर कोर्ट ने रोक लगा दी और जुलाई में इस मामले की रोज सुनवाई के निर्देश दिए. इसका असर ये हुआ कि इसी महीने 17 अगस्त को इस मामले में बहस पूरी हुई और 25 अगस्त के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया गया. आज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.

सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ पंचकूला आए राम रहीम

इससे पहले आज सुबह तकरीबन साढ़े 8 बजे बाबा गुरमीत राम रहीम अपने साथ सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ सिरसा के अपने डेरे से पंचकूला कोर्ट के लिए निकले. उनके इस काफिले की सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे. हेलिकॉप्टर और ड्रोन कैमरे से काफिले पर नजर रखी जा रही थी. काफिले के साथ जैमर लगी गाड़ियां भी चल रही थीं.

इसके अलावा हरियाणा, पंजाब पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भी बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है. सेना ने भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए और डेरा समर्थकों की संभावित हिंसा के मद्देनजर फ्लैग मार्च किया. हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं पहले ही बंद कर दी गई हैं. यही नहीं इन दो राज्यों से गुजरने वाली दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है. बसों की आवाजाही भी ठप है और कुछ इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया है.

क्या है पूरा मामला?

बताते चलें कि डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 1948 में शाह मस्ताना महाराज ने की थी. शाह सतनाम महाराज इसके प्रमुख बने और उन्होंने 1990 में संत गुरमीत सिंह को गद्दी सौंप दी. संत गुरमीत श्रीगंगानगर (राजस्थान) के गांव गुरुसरमोडिया के रहने वाले हैं.

अप्रैल 2002- राम रहीम की अनुयायी एक साध्वी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक शिकायत भेजी थी. साध्वी ने शिकायत में राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.

मई 2002- शिकायती पत्र को तस्दीक करने की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को सौंपा गया.

दिसंबर 2002- शिकायत सही पाए जाने के बाद राम रहीम के खिलाफ धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया गया था.

दिसंबर 2003- इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई. जांच अधिकारी सतीश डागर ने केस की जांच शुरू की और साल 2005-2006 में उस साध्वी को ढूंढ निकाला, जिसका यौन शोषण हुआ था.

जुलाई 2007- सीबीआई ने केस की जांच पूरी कर अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. अंबाला से केस की सुनवाई पंचकूला शिफ्ट कर दी गई. चार्जशीट के मुताबिक, डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं.

अगस्त 2008- केस का ट्रायल शुरू हुआ और डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ आरोप तय किए गए.

साल 2011 से 2016- केस का ट्रायल चला. डेरा प्रमुख राम रहीम की ओर से वकील लगातार जिरह करते नजर आए.

जुलाई 2016- केस की सुनवाई के दौरान 52 गवाह पेश किए गए, इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे.

जून 2017- कोर्ट ने डेरा प्रमुख के विदेश जाने पर रोक लगा दी.

25 जुलाई 2017- सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में हर रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि जल्द फैसला सुनाया जा सके.

17 अगस्त 2017- दोनों पक्षों की ओर से चल रही जिरह खत्म हुई और फैसले के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की गई.

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