यूपी को लेकर प्रियंका निष्क्रिय, डेढ़ सालों से नहीं आयीं यूपी
भाजपा को टक्कर देना बन रहा विपक्ष के लिए चुनौती
मनस्वी वाणी, संवाददाता
गाजियाबाद। यदि भाजपा से लड़ना है तो यहां जमीनी स्तर पर उतरना पड़ेगा। हर वक्त लोगों के बीच रहना होगा, लेकिन यहां अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस सिर्फ हवा में तीर चला रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा डेढ़ साल से उप्र में नहीं आयीं।
एक तरफ भाजपा है, जो हर वक्त चुनावी मोड में रहती है। केंद्र सरकार के मंत्री हों या पदाधिकारी अथवा अन्य हर वक्त उप्र को प्रमुख रुप से ध्यान में रखकर चलते हैं और यहां आते रहते हैं। दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में पूरे राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख विपक्ष के रूप में कांग्रेस है। उसका उत्तर प्रदेश में एक मात्र लोकसभा सीट बची है। इसके बावजूद उसकी सक्रियता सिर्फ चुनावों तक रहती है। इसके अलावा केंद्रीय नेतृत्व के लोग प्रदेश नेतृत्व पर छोड़ देते हैं।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उप्र विधानसभा चुनाव के बाद एक बार यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा चार जून को आयी थीं। उसके बाद उप्र में नहीं आयी। इसके पहले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में काफी सक्रिय रहीं। लखीमपुर में किसानों की गाड़ी से कुचलकर हुई मौत मामले में उन्होंने पूरे विपक्ष की अपेक्षा सबसे ज्यादा सक्रियता दिखायीं।
सिर्फ चुनावी मौसम में सक्रियता दिखाने से जनता किसी दल के साथ नहीं जा सकती। इसके लिए पांच साल तक सक्रियता दिखाना होगा। अपने कार्यकर्ताओं को हर समय किसी न किसी बहाने सक्रिय रखना होगा, लेकिन कांग्रेस अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रही है।
20 को रथ यात्रा, प्रियंका के आने पर संस्पेश
सहारनपुर के शाकुम्भरी से कांग्रेस रथ यात्रा निकालने की तैयारी कर रही है, जो सहारनपुर से सीतापुर तक निकाली जाएगी, बताया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यथ यात्रा का शुभारंभ प्रियंका गाधी वाड्रा से कराना चाहते है लेकिन उनके आने पर अभी संस्पेश बरकरार है। अब देखने वाली बात होगी कि प्रियंका आती है या नहीं।