नई दिल्ली। टीम डिजिटल। गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-5 स्थित मोहन मीकिंस सोसाइटी पिछले कुछ समय से एक अजीबो गरीब समस्या को लेकर परेशान है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर डॉग लवर लावारिस डॉग व अन्य मवेशियों को अपने मकान और फुटपाथ पर बड़ा सा जाल बनाकर रख रहे हैं। जो दो दर्जन से ज्यादा है। डॉगी जाल में बंद होने के कारण खूंखार बनते जा रहे हैं। जो खुले में होने पर लोगों को देखकर गुर्राते हैं। बच्चों को परिवार घर से बाहर निकलने से मना करता है। उनका कहना है कि अगर बच्चों या फिर उनको डॉगी ने काट खाया तो यहां पर रेबिज के इंजेक्शन इतनी आसानी से नहीं लगते हैं। या तो आप प्राईवेट लगवाओ या फिर दूसरे शहर के अस्पताल जाओ। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों स्थानीय नेताओं व सोसाइटी मेंबर को भी गंभीरता से अवगत करवाया था। जिन्होंने कभी भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। हालत बद से बदतर होता देखकर एक बार फिर शनिवार को स्थानीय लोगों ने गाजियाबाद नगर आयुक्त,मेयर से मिलकर उनको लिखित शिकायत देकर मामले से अवगत करवाया है। जिन्होंने मामले को गंभीरता से लेने और निष्पक्ष जांच करवाकर कार्यवाई का आश्वासन दिया है। वहीं जानकारों का कहना है कि सोसाइटी या फिर रेजिडेंस सोसाइटी में इस तरह से एनजीओ डॉगी या फिर कोई दूसरा जानवर नहीं रख सकते हैं। अगर रख रहे हैं तो दो से तीन डॉगी। इसके लिये भी लाईसेंस होना चाहिए। इस तरह से पालना गैर कानूनी होता है। अगर डॉग किसी को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाता है तो उसका दोषी डॉगी को पालने वाला होगा। उनपर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।