प्रदेश में केवल एक ही स्थान पर जांच की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन जारी होने का कर रहा इंतजार
मनस्वी वाणी, सवंवाददाता
गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण से मिले गहरे घाव अभी पूरी तरह से भरे भी नहीं हैं कि एक बार फिर से कोरोना जैसी बीमारी फैलने की आशंका बन गई है। इस बार भी बीमारी की शुरुआत चीन में हो भी चुकी है। चीन में बच्चों में रहस्यमयी निमोनिया फैल रहा है। हजारों बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं और स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई हैं। यह बीमारी क्या है, इस बारे में सटीक तौर पर चीन की ओर से कुछ नहीं कहा जा रहा है।
चीन में फैल रहे रहस्यमयी (मिस्टीरियस) निमोनिया को लेकर जिले का स्वास्थ्य विभाग सतर्कता तो बरत रहा है, लेकिन केंद्र या प्रदेश की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं होने के कारण विभाग की सतर्कता भी हवा हवाई ही नजर आ रही है। मौसम में बदलाव और वायु प्रदूषण के कारण जिले में सांस के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। बच्चे और बड़े फेफड़ों के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर बताते हैं कि जुकाम, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी के मरीजों का एक्स-रे करवाए जाने पर 80 प्रतिशत में फेफड़ों का संक्रमण मिल रहा है।
–एच3एन9 वायरस, मास्क पहनना शुरु किया जाए
सीनियर चेस्ट फिजिशियन डॉ. आशीष अग्रवाल बताते हैं कि चीन में एच3एन9 वायरस की पुष्टि बताई जा रही है। यह बच्चों को तेजी से प्रभावित कर रहा है। यह वायरस फेफड़ों को संक्रमित करता है और यह संक्रामक भी है। सांस संबंधी बीमारी फैलाने वाले वायरस अक्सर ड्रॉपलेट के जरिए ही फैलते हैं। इसलिए जरूरी है कि कम से कम मास्क का प्रयोग जरूर किया जाए। फिलहाल अपने जिले में मौसम में बदलाव और वायु प्रदूषण के कारण दमा और लंग इंफेक्शन के मामले बढ़े हैं, लेकिन किसी में इस वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
–बरत रहे हैं सावधानी
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता बताते हैं कि फिलहाल केंद्र और प्रदेश शासन से इस संबंध में किसी तरह की कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन, चीन में संक्रमण फैलने के बाद से जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों को निमोनिया और खास तौर पर बच्चों में बुखार, खांसी, सांस लेने में परेशानी को लेकर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। चीन में मिस्टीरियस निमोनिया की बात कही जा रही है। इसका कारण नहीं बताया गया है।
–जांच की सुविधा नहीं
सर्विलांस अधिकारी कहते हैं कि एच3एन9 वायरस संबंधी जांच जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए संभव है। जिले में इस जांच की व्यवस्था नहीं है। यदि कोई मरीज मिलता है तो उसका लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाएगा और सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ या पुणे भेजा जाएगा।
–रोज पहुंच रहे 100 से ज्यादा मरीज
जिले के एमएमजी और कंबाइंड अस्पताल में ही सांस लेने में परेशानी से रोजाना 100 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। बच्चों में जुकाम, खांसी और बुखार की परेशानी बढ़ी है। एमएमजी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह बताते हैं कि मौसम में बदलाव और वायु प्रदूषण के कारण मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बच्चों और बड़ों में फेफड़ों में इन्फेक्शन तो मिल रहा है, लेकिन वह निमोनिया नहीं है।