एचएलएम कॉलेज में राष्ट्रीय सेमिनार “एंटी-डोपिंग और पोषण” का आयोजन किया गया, जिसे राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) और भारतीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (पेफी) के सहयोग से किया गया।
सेमिनार का आयोजन एच एल एम कॉलेज के ऑडिटोरियम में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि आई.ए.एस अधिकारी आशीष भार्गव जी रहे जो वर्तमान में नाडा के डायरेक्टर जनरल के पद पर हैं। ग़ाज़ियाबाद के सीएमओ डॉ भावतोष शंखधर एवं द्रोणाचार्य पुरुस्कार से सम्मानित डॉ ऐ के बंसल, इस सेमिनार के सम्मानित अतिथि रहे।
मुख्य अतिथि मा. आशीष भार्गव ने एंटी-डोपिंग और NADA के महत्व पर अपने विचार रखे और सभी को इस मुहिम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने एंटी-डोपिंग के महत्वपूर्ण आधारों पर बात की और छात्रों को सावधानी बरतने के लिए प्रेरित किया।
सम्मानित अतिथि के रूप में डॉ. भावतोष शंखधार (CMO, गाज़ियाबाद) ने अपने अनुभवों को साझा किया और औषधियों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मार्गदर्शन किया। उन्होंने उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी को आमंत्रित किया।
संस्थान के महानिदेशक डॉ डी.के अग्रवाल ने बताया कि इस सेमिनार का उद्देश्य एंटी-डोपिंग और पोषण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाना है। उन्होंने सेमिनार की मुख्य आशय को बताते हुए कहा कि इससे खिलाड़ियों को सही जानकारी मिलेगी जिससे वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें और एंटी-डोपिंग नीतियों का पालन कर सकें।
संस्थान के सहायक निदेशक धीरज शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सेमिनार का आयोजन आवश्यक है क्योंकि एंटी-डोपिंग और सही पोषण हमारे खिलाड़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इससे हम न केवल खेल क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बना सकते हैं, बल्कि हमारे खिलाड़ी भी नैतिकता और दृढ़ स्वास्थ्य के साथ अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं। यह एक मौका है जिससे हम खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर की पोषण और एंटी-डोपिंग प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने इस सेमिनार को समर्पित करने का संकल्प जताया और उम्मीद की गई है कि यह सेमिनार खिलाड़ियों को नई दिशा में ले जाएगा।
सेमिनार के स्पीकर जय सिंह और अपर्णा टंडन जैन ने एंटी-डोपिंग और पोषण के विषय में सत्र का मार्गदर्शन किया। उनके प्रस्तुतिकरण से सभी को एंटी-डोपिंग और पोषण के सही ज्ञान के बारे में बताया गया, उसमें क्या-क्या शामिल है और इसे सभी खिलाड़ियों को जानना कितना आवश्यक है।
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों को एंटी-डोपिंग और पोषण के महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में जागरूक करना था। श्री जय सिंह और अपर्णा तंदन जैन ने अपने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से इस विषय पर अद्वितीय ज्ञान साझा किया और सभी को बताया कि एंटी-डोपिंग और पोषण क्या होता है, इसमें क्या-क्या शामिल है और यह सभी खिलाड़ियों के लिए कितना आवश्यक है।
इस सेमिनार में शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले जय सिंह और अपर्णा तंदन जैन के द्वारा प्रदत्त ज्ञान ने सभी उपस्थित व्यक्तियों को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में मदद की है। उन्होंने बताया कि एंटी-डोपिंग और सही पोषण का पालन करना हर खिलाड़ी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे अच्छी तरह से प्रदर्शन कर सकें और अपने क्षेत्र में उच्चतम स्तर की प्राप्ति कर सकें। इस सेमिनार ने खिलाड़ियों को एंटी-डोपिंग और पोषण के महत्वपूर्णीया सिद्धांतों के प्रति सजग बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम बनाया है और समृद्धि से भरी भविष्य की दिशा में प्रेरित किया है।
इस कार्यक्रम में शारीरिक शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग एवं लॉ की कुछ 20 से ज्यादा पुस्तकों का भी विमोचन किया गया जो की संस्थान के प्रोफेसर्स द्वारा लिखी गई है।
सेमिनार का आयोजन एवं सफल बनाने में शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अर्जुन सिंह पंवार, डॉ अनिल बाजपाई, डॉ राजकुमार शर्मा, अमित आनंद एवं कार्यक्रम का मंच संचालन कर रहे पूर्वी गर्ग एवं अजीत यादव की भी अहम भूमिका रही।