आध्यात्म

राम कथा के दुसरे दिन ब्रिज विहार में हुआ सती चरित्र एवं शिव विवाह का हुआ वर्णन

श्री सत्यनारायण मंदिर, बृज विहार, में श्रीराम कथा के दूसरे दिन, कथा वाचक पंडित श्री श्रीकांत पांडे जी ने शिव विवाह एवं सती चरित्र का अद्भुत वर्णन किया। सती के चरित्र की विवेचना के दौरान, शास्त्री श्रीकांत पांडे ने शिव और सती के संवाद, एवं दक्ष के यज्ञ भंग होने की कथा को सुनाया

गुरुदेव ने सती चरित्र को दोहराते हुए कहा, “सती ने कथा नहीं सुनी, तो उनको जलना पड़ा! सीता जी जलना चाहती थी, परंतु कथा श्रवण की थी तो जलने से बच गई! जो कथा श्रवण करता है, वह जलते जलते बच जाता है! और जो कथा श्रवण नहीं करता है, वह बचाते बचाते जल जाता है! भोले बाबा ने सती को बचाने की बहुत कोशिश की बड़ा प्रयास किया, लेकिन जलने से नहीं बच पाई! इसलिए कोशिश करो श्री राम कथा श्रवण करें!”

ईश्वर की परमसत्ता का वर्णन करते हुए, कथावाचक पंडे जी ने प्रवृत्त और निवृत्त भावना की भी व्याख्या की। आज कथा में यजमान सुजीत ओझा जी ने सपरिवार पूजा अर्चना के पश्चात व्यास पूजा की।

इस सांस्कृतिक और धार्मिक अधिष्ठान में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले यथार्थ में श्री योगेश त्रिपाठी, विनय चौधरी, शशिकांत तिवारी, रणविजय सिंह, रविंद्र राजोरा, धन्नी , अनिल भारद्वाज, सुशील सिंह, नारायण सिंह, एसडी सिंह, राज किशोर पांडे, सी डी सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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